1250 वित्त रहित स्कूल कॉलेज आज बंद रहे

 

*1250 वित्त रहित स्कूल कॉलेज आज बंद रहे* 

 


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मोर्चा के आवाहन पर आज राज्य के 1250 संस्थानों में इंटरमीडिएट कॉलेज, उच्च विद्यालय ,मदरसा एवं संस्कृत विद्यालयों में शैक्षनिक हड़ताल रहा ,और ताले लटके रहे।


शैक्षणिक हड़ताल के चलते 200000 से जायदा छात्रों के पठन-पाठन बाधित रहा।


शैक्षणिक हड़ताल में वित्त रहित संस्थानों के 10000 शिक्षक एवं कर्मी स्कूल- कॉलेजों में ताला लगा कर मुख्य द्वार पर मांगों को लेकर नारा बाजी किए और मुख्यमंत्री से इन संस्थानों के सदन में अपने आश्वासन के आलोक में अधिग्रहण करने और समान काम के बदले समान वेतन की मांग कर रहे थे।


शैक्षणिक हड़ताल के कारण छात्र संस्थान आये, परंतु स्कूल- कॉलेज में ताला लटके देखकर लौट गए।


अपनी मांगों को लेकर राज्य के इन संस्थानों के 10,000 से ज्यादा शिक्षक कर्मी उपवास पर भी रहे।


 *मोर्चा के मुख्य मांगे*


1) सरकार सदन में अपने आश्वासन एवं स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पत्र के आलोक में सरकारी कर्मियों के समान काम के लिए समान वेतन दे।


2) कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, वित्त रहित सांसथाओं के नियमावली बनाकर वेतनमान दे।

 विदित हो कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग मुख्यमंत्री के सदन में आश्वासन के आलोक में कार्यवाही करने के लिए कार्मिक विभाग को दिनांक 11-10-2021 को पत्र लिखा था ।परंतु कार्मिक विभाग आज तक कार्यवाही नहीं कर रहा है।


3) वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुदान के लिए ऑनलाइन भरने की तिथि सितंबर माह तक बढ़ाई जाए।


4) जब पूर्व में राज्य के सभी वित्त रहित स्कूल -कॉलेजों का जांच उपायुक्त द्वारा कराई जा चुकी है, तो पुनः जिला शिक्षा पदाधिकारी से जांच कराने का क्या औचित्य है ?


5) जांच के नाम पर स्कूल- कॉलेज के आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया जाता है । इसलिए सरकार जांच को अभिलंब रोकवाये।


6) 25-30 वर्षों से कार्यरत शिक्षकों पर B.Ed की अनिवार्यता नहीं थोपी जाएं । क्योंकि इन शिक्षकों की नियुक्ति बिहार नियमावली से हुई थी । जिसमें B.Ed की शर्त नहीं थी।


7) जैक द्वारा जांच कराने एवं बी.एड. के शर्त पर मोर्चा माननीय उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करेगा।


8) प्लस टू स्कूलों में अनलिमिटेड नामांकन पर रोक लगाई जाए।


               आज मोर्चा के आवाहन पर पूरे राज्य में 1250 संस्थाओं में शैक्षणिक हड़ताल रहा और पठन-पाठन ठप रहा । छात्र एवं छात्राएं स्कूल -कॉलेज आए और ताला देखकर लौट गए ।विदित हो कि स्कूल -कॉलेजों के अधिग्रहण की मांग को लेकर मोर्चा आंदोलन कर रहा है। 2020 में सदन में एक अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिए थे कि वित्त रहित संस्थाओं का प्रशासनिक आयोग के पास भेज कर उसके अनुशंसा के आधार पर समान काम के बदले समान वेतन देने पर निर्णय लेगी । लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन पर आज तक कार्मिक विभाग कार्यवाही नहीं कर रही है।


         वर्ष 2016-17 में उपायुक्त द्वारा राज्य के सभी स्कूल कॉलेजों के जांच कराई गई थी ।और उसके रिपोर्ट पर 150 से ज्यादा स्कूल -कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई थी । फिर भी उपायुक्त से कई अन्य पदाधिकारी से जांच कराने का क्या औचित्य है ? सरकार स्कूल -कॉलेजों के थर्ड पार्टी से भी जांच कराई है ।बार-बार जांच के नाम पर स्कूल- कॉलेजों का आर्थिक शोषण होता है । कोरोना महामारी से स्कूल -कॉलेज अभी पटरी पर आ रहे हैं । तो इतने तेजी से जांच कराने की जैक को क्या बेचैनी है।

       

आज मोर्चा कार्यालय में अध्यक्ष मंडल के सदस्यों की बैठक हुई ।जिसमें कहा गया कि शैक्षणिक हड़ताल आज पूर्णता सफल रहा। यह मोर्चा के एकता के कारण सफल हुआ। मोर्चा के सुरेंद्र झा, रघुनाथ सिंह ,हरिहर प्रसाद कुशवाहा , डॉक्टर देवनाथ सिंह, सुखदेव महतो ,गणेश महतो ,संजय कुमार ,नरोत्तम सिंह एवं मनीष कुमार ने एक बयान जारी कर कहां है कि यह वित्त रहित शिक्षकों के चट्टानी एकता के कारण सफल हुआ ।बैठक में राज्य के सभी शिक्षकों से विधानसभा के सामने 3 अगस्त को महा धरना में पहुंचने का आव्हान किया गया।


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