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रोड दुर्घटना के पीछे शराब का अहम भूमिका - राजेंद्र यादव

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  मानव मस्तिष्क की समीक्षा। शक्ति दुर्बल या निष्क्रिय पड़ जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण मद्यपान है: प्रो. राजेन्द्र यादव ईचाक: अखिल विश्व गायत्री परिवार के इचाक प्रखण्ड अध्यक्ष सह समन्वयक प्रो.राजेन्द्र यादव ने दिन प्रतिदिन हो रहे रोड़ एक्सीडेंट या दुर्घटना के पीछे शराब का अहम भूमिका बताया।उन्होंने कहा कि शराब का घूंट हलक से  नीचे उतरते ही अमाशय की श्लेष्मा झिल्ली से छेड़छाड़ करती है और खून में मिलकर मस्तिष्क तक पहुंच जाती है। मस्तिष्क में पहुंचने के लिए 5 मिनट से भी कम समय लगता है और वहां पहुंचते ही वह मस्तिष्क के उन भागों को निष्क्रिय कर देती है जो विचार विश्लेषण और निर्णय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ।मदिरा का जो अंश मस्तिष्क को चेतना शून्य बनाता और नशा देता है ,उसे इथाइल अल्कोहल कहते हैं। यह विशुद्ध रूप से बेहोश करने वाला तत्व है। जब शराब के माध्यम से अल्कोहल मस्तिष्क में पहुंचता है और उसे विचार तथा विवेक शून्य  बना देता है तो मस्तिष्क का शरीर और उमंग पर नियंत्रण घटने लगता है तथा धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है ।यही कारण है कि मद्यपान के बाद लोग मस्ती में झूमने लगते हैं ।क्योंकि उन

जिसने कई लोगों को राह दिखाया वही मदद की राह देख रहा- पत्रकार रंजीत कुमार

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जिसने कई लोगों को राह दिखाया वही मदद की राह देख रहा- पत्रकार रंजीत कुमार  शिक्षक उस रास्ते की तरह होता है , जो लोगों कईयों को उसके मंजिल तक तो पंहुचा देता मगर खुद वंही रह जाता है|  जिसने कई लोगों को राह दिखाया आज वही मदद की राह देख रहा है | जी हाँ इचाक प्रखंड के अलौंजा खुर्द गावं के निवासी सोहन रविदास जो की पेशे से एक शिक्षक थे| कई छात्रों की जीवन को उज्जवल बनाने वाले व्यक्ति आज खुद अँधेरे में जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं | क्या है ? पूरा मामला सोहन रविदास अपने क्षेत्र के नामी शिक्षक थे,और एक प्राइवेट स्कूल में पढाया करते थे| लेकिन 2019 में एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उनके जीवन पे संकट आ गया| आर्थिक रूप से पिछड़े होने के कारण इलाज करा पाना भी संभव नहीं था| उस समय 8 से 10 लाख रुपये कर्ज लेने के बावजूद इलाज करना मुश्किल हो रहा था| उस समय प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बाबु लाल मरांडी के आश्वाशन पर इलाज संभव हो सका था| जान पे आया संकट तो टल गया पर अब समस्या जीवन यापन को लेकर है क्युकी दुर्घटना के बाद से आज तो वो अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकते हैं| आजीविका को लेकर संकट

इचाक प्रखंड के कला द्वार गांव मे आग लगने से लाखो का हुआ फसलों की नुकसान - बीजेपी नेता ओमप्रकाश मेहता ने हुई फसलों की नुकसान को लेकर सरकार से छत्तीपूर्ति की मांग की।

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  इचाक प्रखंड अंतर्गत बरका खुर्द पंचायत के काला द्वार गांव में दिनांक 30 मार्च 2021 को नागेश्वर  राम पिता भोली रविदास के खेत मे आग लगने से 10 कट्ठा गेहूं जलकर नष्ट हो गया। नागेश्वर राम द्वारा गेहूं काटने के बाद  बोझा बांधकर खेत में ही रखा था। जो लगभग 15क्विंटल से ऊपर गेहूं पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गया। ग्रामीणों की तत्परता के कारण भारी क्षति से बचाया गया।अगर ग्रामीण तत्परता नहीं दिखाई होती तो लगभग 50 एकड़ गेहूं की खेती जल गई होती जो एक बहुत बड़ी हादसा होती। आग कैसे लगी लोगों को ये बात पता नहीं चल पायी है।आग के कारण कुछ जंगल की भी क्षति हुई। साथ ही साथ उमेश प्रसाद मेहता पिता टेकलाल महतो के सिंचाई का पाइप लगभग 2000 फीट जिसकी लागत लगभग 65 से 70000 हजार  रुपए के बीच है जो पूरी तरह से जलकर राख हो गया। उक्त बाते भाजपा  नेता ओम प्रकाश मेहता ने बताई। इन्होने कहा कि यह दोनों व्यक्ति काफी गरीब है  और कोरोना के मार से झेल रहे लोगों पर दोहरी मार पड़ी है श्री मेहता ने झारखंड सरकार के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन से यह मांग किया कि जितनी जल्दी हो सके गरीब परिवार को सर्वे कराकर क्षतिपूर्ति कराने का काम कर