लापरवाही के कारण से तीन मवेशियों की मौत।
लापरवाही के कारण से तीन मवेशियों की मौत।
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हजारीबाग जिला अंतर्गत इचाक प्रखंड के लोहंडी मंदिर के नीचे व नदी के सामने बन रही कुआं में डूबने से तीन मवेशियों की मौत। रोज की तरह चरवाह गुजेश्वर प्रसाद महतो कल भी अपने मवेशियों को लेकर लोहण्डी टांड चराने के लिए ले गए थे। सूत्रों के मुताबिक पता चला यह कुंवा मनरेगा के तहत बनाई जा रही थी। लेकिन ऑनलाइन नहीं करवाया गया था।उमेश मेहता पिता श्री गंन्दोरी महतो ग्राम निवासी उरुका के माध्यम से यह कुंवा निर्माण करवाई जा रही थी।बताया जा रहा की मवेसी कुंवा की ओर पानी पिने के लिए जा रहा था। कुआं में कोई भी तरह की जानवरों को सुरक्षित करने के लिए बेडा या लकड़ी की बॉउंड्री नहीं दी गई थी। कुंवा लगभग 12 फीट गहराई थी। शाम मे जानवर कुंवा की ओर पानी पिने की तलाश मे आई थी। लेकिन कोई तरह की सेफ्टी नहीं होने की वजह से मवेसी कुंवा मे गिर गयी और मर गयी। यह घटना घटी कल शाम में ही घटी थी। तीनों मवेशी रात भर कुआं में डूब रहे। किसी की भी नजर इस ओर नहीं गई जिस कारण तीनों मवेसी की मौत हो गई। यह मवेसी गुजेश्वर प्रसाद महतो की थी। जानवर को घर नहीं लौटने पर खोजबीन की गयी और अंत मे उसी कुंवा मे गिरी पड़ी मिली। मौजूद ग्रामीण ने भी बेपरवाही बरतने का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने कहा की चारों तरफ से बेडा अगर दे दी जाती तो मवेशी नहीं मरते। लगभग 50000 की जानमाल की क्षति हुई है। गुजेश्वर प्रसाद महतो ने कुंवा के मालिक से तीनों मवेशी की उचित मुआवजा की मांग किया। बताया यह भी जा रहा है की प्रखंड में कई ऐसे घटना घटी जा चुकी है जिस में लापरवाही के कारण इंसान सहित जानवर की मृत्यु हुई है। सवाल यह है कि इन तरह के लोगों पर कारवाई कब की जाएगी और कौन, कब उन किसान की मवेसी की मौत की मुआवजा देगा। रोजगार सेवक पुरना इचाक पंचायत के पुष्पा कुमारी से बात करने पर इन्होने मनरेगा की कुंवा न होने से साफ साफ मना कर दी। ठुमक बुधवार है उमेश मेहता ने इसकी कोई जानकारी नहीं होने की बात कही.सवाल यह है की आखिर पुरे प्रखंड मे मनरेगा से हो रहे कामों पर सुरछा मुहैया कब करवाई जायगी। कब तक ऐसे ही बेपरवाही बरती जाएगी। और इसका जिम्मेदार कौन होगा?
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